इसी दिन से अंग्रेजी हुकूमत के दमनकारी नीतियों के खिलाफ हूल क्रांति का आगाज हुआ ।

हूल संथाली शब्द है, जिसका अर्थ होता है विद्रोह। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ सर्वप्रथम माने जाने वाले विद्रोह 1857 से 2 साल पहले 30 जून 1855 को शुरू हुए इस विद्रोह के प्रमुख नायक रहे सिदो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झरनों । जब 10000 आदिवासियों के समक्ष सिदो को राजा कान्हू को मंत्री, चांद को प्रशासक और … Read more

यदि हम एक दूसरे को यही उलाहना देने लगे तो फ़िर कौन किसे समझाएगा……

आदरणीय मित्र-गण, यदि हम एक दूसरे को यही उलाहना देने लगे तो फ़िर कौन किसे समझाएगा…… इस तरह एक ईमानदार कोशिश भी नाकामयाब हो जाएगी…… ऐसा तब होता है जब हम अपने साथी को ख़ुद से अलग समझ कर….. इंसानियत को मज़हब से जोड़ देते हैं। यदि आप प्रतिक्रिया देने वाले को अपना ही भाई … Read more

अध्यात्म या विज्ञान

ँंँ. # अध्यात्म का बाप विज्ञान # धर्मवादी शेखी बघारते हुए कहते हैं अध्यात्म अंतिम सत्य है और विज्ञान उसके आगे कुछ नहीं। विज्ञान जहां खत्म होता है अध्यात्म वहां से आरंभ होता है। जबकि है बिल्कुल उल्टा।अध्यात्म जहां से खत्म होता है विज्ञान वहां से शुरू होता है। अध्यात्म खोजी धर्मसंस्थापकों ईश्वर पुत्रों पैगम्बरों … Read more

*ओछी मानसिकता से सामाजिक बिखराव और देश कमजोर होता है_एक कहानी* *कौन जात हो भाई ?*

☝️ *ओछी मानसिकता से सामाजिक बिखराव और देश कमजोर होता है_एक कहानी* *कौन जात हो भाई ?*👇👇 ================ खेत में काम करने वाले आदमी से एक तिलक लगाएं और रूद्राक्ष की माला पहने एक व्यक्ति ने जात क्या पूछली…… …….. *कुत्ते भौंकने लगें* ……… कौवे चिखने लगे ……… *लोमड़ी मुस्कराने लगी* ………बंदर नाचने लगे। ये … Read more

भारत में कभी, कोई भी, निर्णायक रूप से नहीं कहेगा कि ‘फासीवाद आ गया’।

By:Abhishek (चंद्रभूषण जी की पोस्ट के संदर्भ में) भारत में कभी, कोई भी, निर्णायक रूप से नहीं कहेगा कि ‘फासीवाद आ गया’। जो ऐसा कह रहा है, उसके रिकॉर्ड को खंगालिए। सन बानबे से वो ऐसा ही कहता हुआ मिलेगा। ऐसे बौद्धिक हर अंधे मोड़ पर ‘फासीवाद आ गया’ चिल्लाते हुए मिलेंगे। इनके चक्कर में … Read more

आरक्षण प्राप्त अधिकारी,कर्मचारी इस पोस्ट को जरूर पढ़ें :—

आरक्षण प्राप्त अधिकारी,कर्मचारी इस पोस्ट को जरूर पढ़ें :— एक बार एक नदी में हाथी की लाश बही जा रही थी। एक कौए ने लाश देखी, तो प्रसन्न हो उठा, तुरंत उस पर आ कर बैठा। यथेष्ट मांस खाया। नदी का जल पिया। उस लाश पर इधर-उधर फुदकते हुए कौए ने परम तृप्ति की डकार … Read more

ये पेरियार की ज़मीन है। यहाँ ऐसे ही होता है। तमिलनाडु भारत के सबसे विकसित राज्यों में है।

तमिलनाडु में एक सड़क परियोजना के उद्घाटन में सरकारी अधिकारी ने गलती से सिर्फ ब्राह्मण पुजारी को बुलाया। तमिलनाडु में सिर्फ एक धर्म के पुजारी से सरकारी योजनाओं में पूजा नहीं कराई जाती। आम तौर पर पूजा होती ही नहीं है। सांसद डॉक्टर सेंथिलकुमार ने पुजारी को वहाँ से जाने को कहा। उन्होंने सरकारी अधिकारी … Read more

एक राजा ने एक चलती सड़क कटवा कर बीच में एक पुल बनवा दिया।

एक राजा ने एक चलती सड़क कटवा कर बीच में एक पुल बनवा दिया। पुल के नीचे से न कोई नाला, न काेई नहर, न काेई नदी, लेकिन राजा का आदेश था, सो पुल बन गया। राजा ने पुल के पास एक शिकायत – पेटिका भी लगवा दी कि यदि किसी को कोई शिकायत हो … Read more

Amitabh Pandey व्हाट्सअप ज्ञानी यह सवाल करते हैं कि “आख़िर हमारे सनातनी ऋषियों को बिना दूरबीन के 9 ग्रहों के बारे में कैसे पता चल गया था?”

Amitabh Pandey व्हाट्सअप ज्ञानी यह सवाल करते हैं कि “आख़िर हमारे सनातनी ऋषियों को बिना दूरबीन के 9 ग्रहों के बारे में कैसे पता चल गया था?” ग्रह 9 नहीं हैं। अब आधिकारिक तौर पर आठ ग्रह हैं। इनके अलावा 12 बौने ग्रह हैं, 175 से ज्यादा चंद्रमा हैं । करोड़ों छुद्रग्रह और अरबों धूमकेतु … Read more

ये फ्रांज काफ्का हैं, प्रसिद्धि में चे के मुकाबिल हैं

ये फ्रांज काफ्का हैं, प्रसिद्धि में चे के मुकाबिल हैं बीसवीं सदी के मशहूर लेखक फ्रांज 1883 में आज के दिन ही पैदा हुए। उन्होंने कहा था-धार्मिक विश्वास को न छेड़ो। इस पुरानी त्वचा के छिन जाने से आदमी उस शरीर के समान हो जाता है जिसे हर स्पर्श से भयावह पीड़ा होती है। ऐसे … Read more

क्या आपने कभी इन पश्चिमी Philosophers को पढ़ा है:*

*क्या आपने कभी इन पश्चिमी Philosophers को पढ़ा है:* 1. “लियो टॉल्स्टॉय (1828 -1910):* *बुद्ध और उनका धर्म ही एक दिन दुनिया पर राज करेगा, क्योंकि इसी में ज्ञान और बुद्धि का संयोजन है। जो समता और बन्धुत्व का मार्गदर्शन करता है।” 2. *हर्बर्ट वेल्स (1846 – 1946):* “बुद्धिज्म का प्रभावीकरण फिर होने तक अनगिनत … Read more

“लड़की से शादी?” के लिए ज़मीन लेना बहुत मुश्किल ज़मीन चाहिए तो इधर का लड़की से शादी करना होगा।”,

By: Praveen J #Meghalaya #Diary4 बांग्लादेश के साथ सबसे लंबी सीमा पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा की है। उसके बाद क्रमशः मेघालय और मिज़ोरम हैं। सबसे छोटी सीमा असम से है। बरसात में बांग्लादेश का यह सीमावर्ती इलाक़ा डूब जाता है। हिमालय की तराई में पहाड़ों से बह कर आती अनंत धाराएँ नीचे उतर कर जम … Read more

रिपोर्ट 2022 के लिए है । बांग्लादेश हमसे बेहतर स्थिति में दर्शाया गया है ।

Sheetal P Singh संयुक्त राष्ट्र के अध्ययन के अनुसार भारत दुनिया के दस सर्वाधिक आबादी वाले देशों में विकास के मानकों के अनुसार आठवें स्थान पर है जबकि आबादी के अनुसार चीन के बाद दूसरे स्थान पर है । बांग्लादेश हमसे बेहतर स्थिति में दर्शाया गया है । लगभग सभी मानकों के आकलन में भारत … Read more

आज ndtv.in पर यह टिप्पणी। इस डरावनी आस्था से सावधान

By:Priyadarshan  आज ndtv.in पर यह टिप्पणी। इस डरावनी आस्था से सावधान विजयदान देथा की एक कहानी है- ‘रिजक की मर्यादा’। कहानी में एक भांड होता है जो तरह-तरह के रूप धर सकता है। वह एक सेठ के यहां साधु बन कर पहुंचता है। सेठ सपरिवार उसका भक्त हो जाता है। अगले कुछ महीनों में … Read more

हिमांशु कुमार पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है.

बस्तर के आदिवासियों के बीच दो दशक रहकर उनकी लड़ाई और हक़ के लिए अपना खून पसीना बहाने वाले हिमांशु कुमार पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है.यह राशि उन्हें 4 हफ्तों में देना होगा,अगर जुर्माना नहीँ दे पाए तो उन्हें जेल जाना होगा.छत्तीसगढ़ सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश … Read more

भारत में कुल 72 बूचड़खाने हैं जिसे लाइसेंस प्राप्त हैं जिसमें से अकेले यूपी में 38बूचड़खाने हैं

भारत में कुल 72 बूचड़खाने हैं जिसे लाइसेंस प्राप्त हैं जिसमें से अकेले यूपी में 38बूचड़खाने हैं..इसमें 4 बूचड़खाने ऐसे भी हैं जिसे सरकार खुद चलाती है..जोकि आगरा, सहारनपुर में है..वहीं दो अन्य प्रस्तावित बूचड़खाने लखनऊ और बरेली में है..अलीगढ़ में हिंद एग्रो आईएमपीपी पहला बूचड़खाना है जिसे1996 में शुरु किया गया था..यहां यह समझने … Read more

ब्रिटिश काल में शूद्र जाति का सर्वाधिक पतन हुआ। अंग्रेजी सरकार ने 1871 में

ब्रिटिश काल में शूद्र जाति का सर्वाधिक पतन हुआ। अंग्रेजी सरकार ने 1871 में अपराधी जाति अधिनियम बनाकर अधिकांश घुमन्तु तथा अर्ध घुमन्तु जाति को जिनमें अधिकांश शूद्र जातियाँ थी, जन्मजात अपराधी घोषित कर दिया। इस अधिनियम में 1911 व 1924 में संशोधन करके इसे अधिक कठोर बनाया गया। आजादी के बाद भारत में प्रजातंत्र … Read more