कबीर के आधुनिक दोहे

कबीर के आधुनिक दोहे

कबीर के आधुनिक दोहे यदि कबीर जिन्दा होते तो आजकल के दोहे यह होते: नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात;बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात; पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज;कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास;बहन पराई हो गयी, साली … Read more