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नई दिल्ली: मुंबई-जयपुर ट्रेन गोलीकांड मामले में एक ओर बड़ा खुलासा हुआ है. मुंबई के पास जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन में चार लोगों की हत्या करने के कुछ क्षण बाद आरपीएफ यानी रेलवे सुरक्षा बल के आरोपी कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी ने कथित तौर पर अपनी पत्नी को फोन करके जघन्य अपराध कबूल किया था और उससे पूछा कि क्या उसे खुद को भी गोली मार लेनी चाहिए. पुलिस ने आरोपी चेतन सिंह की पत्नी के बयान के हवाले से दावा किया है, जो कि इस केस में चार्जशीट का भी हिस्सा है.
जुलाई महीने में जयपुर-मुंबई ट्रेन गोलीकांड के बाद पुलिस को दिए एक बयान में आरोपी चेतन सिंह चौधरी की पत्नी प्रियंका ने दावा किया कि उनके पति ने कबूल किया है कि उसने ‘बड़ी गलती’ की है. उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी के मस्तिष्क में ‘खून का थक्का’ था और वह इसके लिए दवाएं ले रहा था. उनका बयान मामले की जांच एजेंसी सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा दायर आरोप पत्र का हिस्सा है.
आरोपी के पत्नी का बयान
बयान के मुताबिक, आरोपी कॉन्स्टेबल चेतन सिंह चौधरी ने पत्नी प्रियंका से कहा था, ‘मैंने तीन लोगों को, और एक सब इंस्पेक्टर को मार दिया है. मुझसे बड़ी गलती हो गई है… तुम बोलो तो अपने आप को गोली मार दूं क्या?’ अपने बयान में प्रियंका चौधरी ने कहा कि उन्हें 31 जुलाई को सुबह लगभग 6:30 बजे उनके पति का फोन आया, जब आरोपी ने उन्हें अपने जानलेवा कृत्य के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने आरोपी पति को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए कहा.
अनुकंपा के आधार पर मिली नौकरी
प्रियंका चौधरी ने कहा कि उनके पति के पिता की 2007 में ड्यूटी पर मृत्यु हो गई थी और चेतन चौधरी तब 10वीं कक्षा में पढ़ रहे थे. चेतन के पिता भी आरपीएफ में थे. 18 साल पूरे होने के बाद चेतन चौधरी अनुकंपा के आधार पर आरपीएफ में शामिल हुआ और उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन में तैनात किया गया. 2018 में उसे गुजरात ट्रांसफर कर दिया गया जहां वह तटीय शहर पोरबंदर के पास रादावव नामक गांव में रहा. बयान में कहा गया है कि इस साल अप्रैल में आरपीएफ कांस्टेबल को मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया था.
प्रियंका ने बताया आरोपी चेतन को क्या हो गया था?
प्रियंका ने पुलिस को आगे बताया कि जब फरवरी में उसकी सास चेतन चौधरी से मिलने पोरबंदर गई तो उन्हें चेतन चौधरी का व्यवहार थोड़ा अजीब लगा. बयान में कहा गया कि प्रियंका की सास के मुताबिक, आरपीएफ कांस्टेबल बिना किसी उकसावे के अचानक कुछ-कुछ बकना शुरू कर देता था और दीवार पर अपना सिर भी मारता था. इसी साल 13 फरवरी को चेतन चौधरी को उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक न्यूरोसर्जन के पास ले जाया गया. प्रियंका ने कहा कि प्रारंभिक जाचों और एमआरआई के बाद पता चला कि उनके मस्तिष्क में मामूली रक्त का थक्का जम गया था. बयान में कहा गया है कि डॉक्टर ने उन्हें दस दिनों तक दवाएं दीं थीं. पहले कोर्स के बाद जब डॉक्टर ने उनकी दोबारा जांच की तो उनकी हालत में कुछ सुधार पाया गया. इसलिए, उन्हें वही दवाएं जारी रखने की सलाह दी गई.
चेतन पर क्या-क्या आरोप
20 अक्टूबर को महानगर के बाहरी इलाके में पालघर रेलवे स्टेशन के पास 31 जुलाई को चलती मुंबई जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन में एक वरिष्ठ सहकर्मी और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी चेतन चौधरी (34) के खिलाफ जीआरपी ने मुंबई में एक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया. आरोपी चेतन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और अन्य प्रासंगिक प्रावधान के साथ-साथ रेलवे अधिनियम और महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया गया है.
किस वजह से परेशान था चेतन
इससे पहले चेतन सिंह चौधरी के चाचा ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा था कि आरोपी कॉन्स्टेबल पोरबंदर से मुंबई ट्रांसफर होने से परेशान था, जबकि वह मथुरा या आगरा में पोस्टिंग चाहता था. आरोप पत्र में जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस के सह-यात्रियों सहित कई गवाहों के बयान हैं, जहां बड़ी घटना हुई थी. चार लोगों की हत्या करने के बाद आरपीएफ पुलिसकर्मी ने एक अन्य यात्री को धमकी देते हुए कहा था कि जय माता दी का जाप करो नहीं तो मैं तुम्हें गोली मार दूंगा. इसलिए, जीआरपी ने उसके खिलाफ दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप जोड़ा है.
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Tags: Crime News, Mumbai News, Train news
FIRST PUBLISHED : October 28, 2023, 16:34 IST
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