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लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा सरकार में बड़ा उलटफेर हुआ है. हरियाणा में BJP और जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठबंधन मंगलवार को टूट गया. ऐसे में मनोहर लाल खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और हरियाण प्रदेश BJP चीफ नायब सिंह सैनी नए सीएम चुन लिए गए. शाम को शपथ ग्रहण समारोह भी हो गया. अब नई सरकार ने बुधवार (13 मार्च) को सुबह 11 बजे विधानसभा का सेशन बुलाया है. इसमें नई सरकार को फ्लोर टेस्ट देना होगा.
हरियाणा में सियासी उलटफेर के बड़े अपडेट:-
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लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हरियाणा की 10 सीटों के बंटवारे को लेकर BJP और JJP के बीच अनबन चल रही थी. BJP राज्य की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाह रही थी. जबकि, दुष्यंत चौटाला की पार्टी कम से कम 2 सीटों की मांग कर रही थी. पिछले चुनाव में JJP ने एक भी सीट नहीं जीती थी. अनबन कुछ दिनों से बढ़ती जा रही थी.
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मंगलवार सुबह मनोहर लाल खट्टर ने BJP और जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठबंधन टूटने के बाद मंगलवार सुबह 11.50 बजे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया. जिसके बाद चंडीगढ़ के हरियाणा निवास में विधायक दल की बैठक हुई और सैनी को नेता चुना गया. बाद में नायब सिंह सैनी ने राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश किया.
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नायब सिंह सैनी ने मंगलवार शाम करीब 5:20 बजे चंडीगढ़ स्थित राजभवन में शपथ ली. इसके बाद कंवर पाल, मूलचंद शर्मा, रणजीत सिंह चौटाला, जयप्रकाश दलाल और डॉ. बनवारी लाल ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. ये पांचों खट्टर कैबिनेट में भी थे. नए CM के मुताबिक, राज्यपाल को 48 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा गया है.
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हरियाणा में JJP के साथ गठबंधन टूटने के बाद भी BJP के पास ही बहुमत है. हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से BJP के पास खुद के 41 MLA हैं. 6 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक का भी उसे समर्थन हासिल है. यानी BJP के पास 48 विधायक हैं. बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए.
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नए सीएम सैनी मनोहर लाल खट्टर के करीबी हैं. 27 अक्टूबर 2023 को ही उन्हें हरियाणा बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया था. खुद खट्टर ने इसकी पैरवी की थी. सैनी को 28 साल संगठन में काम करने का अनुभव है.
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नायब सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है, उस पर 100 फीसदी खरा उतरूंगा. सैनी ने कहा कि बड़ी जिम्मेदारी मिली है. सूबे की सभी 10 लोकसभा सीटों पर BJP के उम्मीदवार जीतेंगे.
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हरियाणा के पूर्व गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज शपथग्रहण समारोह में नहीं आए हैं. वह नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुने जाने पर नाराज होकर मीटिंग छोड़कर चले गए थे.
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भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के शीर्ष पद पर बदलाव के जरिए कई मैसेज दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, खट्टर के इस्तीफे के बाद पूरी कैबिनेट के लिए इस्तीफा देना जरूरी हो गया था. इस कैबिनेट में JJP चीफ दुष्यंत चौटाला भी शामिल थे. BJP का असली टारगेट चौटाला को सरकार से बाहर करने का ही था.
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दुष्यंत चौटाला से रिश्ता तोड़कर BJP ने हरियाणा में एक तीर से कई निशाने लगाए हैं. हरियाणा में गैर जाट की राजनीति करने का संदेश दिया गया है. राज्य में गैर जाट 80% और जाट समुदाय 20% हैं. जाहिर तौर पर दुष्यंत चौटाला के अलग लड़ने से जाट वोट बंटेंगे.
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हरियाणा में BJP से राहें जुदा होने के बाद दुष्यंत चौटाला का बयान भी सामने आया. उन्होंने कहा, “मुझे हरियाणा के उपमुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की सेवा करने का अवसर दिया, इसको मैं अपना सौभाग्य मानता हूं. सीमित समय और सीमित संख्या के साथ हमने दिन रात हरियाणा के हितों की रक्षा के लिए लगाए हैं. हमने हरियाणा के हर वर्ग और हर क्षेत्र के काम सरकार में करवाये हैं.”
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