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राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध की 28,811 शिकायतें प्राप्त हुईं और इनमें से लगभग 55 प्रतिशत उत्तर प्रदेश से थीं। एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा शिकायतें गरिमा के अधिकार श्रेणी में प्राप्त हुईं, जिसमें घरेलू हिंसा के अलावा अन्य उत्पीड़न शामिल है। ऐसी शिकायतों की संख्या 8,540 थी। इसके बाद घरेलू हिंसा की 6,274 शिकायतें आईं। आंकड़ों में कहा गया कि दहेज उत्पीड़न की 4,797, छेड़छाड़ की 2,349, महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता की 1,618 और बलात्कार तथा बलात्कार के प्रयास की 1,537 शिकायतें मिलीं।
साल 2023 में महिलाओं पर हुए कितने अपराध?
आयोग के अनुसार, यौन उत्पीड़न की 805, साइबर अपराध की 605, पीछा करने की 472 और झूठी शान से संबंधित अपराध की 409 शिकायतें दर्ज की गईं। आंकड़ों में कहा गया कि उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 16,109 शिकायतें मिलीं, जिसके बाद दिल्ली से 2,411 और महाराष्ट्र से 1,343 शिकायतें प्राप्त हुईं। वर्ष 2022 के बाद से शिकायतों की संख्या में कमी देखी गई है जब 30,864 शिकायतें प्राप्त हुई थीं जो 2014 के बाद से सर्वाधिक आंकड़ा था। बता दें कि कुछ महीने पहले बीएचयू में छात्रा संग हुई बदसलूकी के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आईआईटी-बीएचयू मामले का खुलासना
दरअसल आईआईटी बीएचयू कैंपस में हुए गैंगपेर के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों का कनेक्शन भारतीय जनता पार्टी से निकला है। इसके बाद समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज भाी कसा। विपक्षियों के हमले के बाद भाजपा एक्शन मोड में आ गई और तीनों आरोपियों को पार्टी से निकाल दिया। हालांकि भाजपा ने ये खुलासा नहीं किया कि गैंगरेप के तीनों आरोपी पार्टी के किस विंक और किस पोस्ट पर थे। इस मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में उन्हें पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
(इनपुट-भाषा)
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