लोगों की जान बचाएं या खुद की? गाजा में नाकेबंदी से बढ़ीं सहायता अभियान चलाने वाले संगठनों की मुश्किलें

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गाजा में नाकेबंदी से बढ़ीं सहायता अभियान चलाने वाले संगठनों की मुश्किलें- India TV Hindi

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गाजा में नाकेबंदी से बढ़ीं सहायता अभियान चलाने वाले संगठनों की मुश्किलें

Israel-Hamas War: इजराइल पर हमास के हमलों के बाद इजराइल ने जोरदार पलटवार किया है। गाजा पट्टी भीषण जंग में तब्दील हो गई है। इजराइल ने गाजा पट्टी ही नहीं, लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्ला पर भी हेलिकॉप्टर्स से ताजा अटैक किए हैं। जंग में दोनों पक्षों के करीब 1600 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच गाजा में नाकेबंदी से उन सहायता अभियान चलाने वाले संगठनों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जो आम लोगों की मदद में लगे हुए हैं। 

इजराइल और हमास के बीच युद्ध में पिस रहे आम लोगों की मदद के लिए मानवाधिकार समूह परेशानी का सामना कर रहे हैं। साथ ही उन्हें इस समय सहायता अभियान चलाने के दौरान अपनी सुरक्षा की भी चिंता सता रही है। गाजा की नाकाबंदी बढ़ने से उनके प्रयासों में और भी मुश्किलें पैदा हो गई हैं। गाजा में शासित चरमपंथी समूह हमास ने शनिवार को इजराइल पर अचानक और भीषण हमले किए, जिसके बाद इजराइल ने गाजा में हवाई हमले किए और गाजा में भोजन, ईंधन और अन्य सामान की आपूर्ति पर रोग लगा दी। 

गाजा में सक्रिय सहायता समूहों की बढ़ी चिंता

इजराइल के इस कदम ने संयुक्त राष्ट्र और 23 लाख की आबादी वाले गाजा में सक्रिय सहायता समूहों के बीच चिंता बढ़ा दी। अब भी गाजा में काम कर रहे ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ क्षेत्र में पहले से ही मौजूद आपूर्ति पर निर्भर है क्योंकि नाकाबंदी के चलते नयी आपूर्ति पर रोक लगा दी गई है। ब्रसेल्स में संगठन के एक अधिकारी इमैनुएल मस्सार्ट ने यह जानकारी दी। समूह ने कहा कि उसने गाजा शहर के उत्तर में स्थित जबालिया शरणार्थी शिविर पर हवाई हमले के बाद 50 से अधिक लोगों का इलाज किया है। मस्सार्ट ने कहा, “अगर और ईंधन उपलब्ध नहीं हुआ तो स्वास्थ्य सेवाएं बंद हो जाएंगी क्योंकि ऊर्जा के बिना हमारे स्वास्थ्य केंद्र का संचालन नहीं हो पाएगा”।

खाना और पानी मुहैया कराने वाले संगठन के लोगों में फैला डर

युद्ध ने गाजा में लोगों को भोजन और पानी जैसी चीजें प्रदान करने वाले ‘मर्सी कॉर्प्स’ नामक समूह के कामकाज में भी गहरा व्यवधान डाला है। संगठन के मध्य पूर्व क्षेत्रीय निदेशक अरनॉड क्वेमिन यह जानकारी दी। क्वेमिन ने कहा, “इस समय जिस तरह से चीजें हो रही हैं उससे हम बहुत चिंतित हैं क्योंकि ऐसा लग रहा है कि यह बहुत जल्द और खराब होने वाला है।” उन्होंने कहा कि गाजा को सील करने से “मानवीय जरूरतें बहुत तेजी से पैदा होंगी।” 

यूरोपीयन यूनियन ने अपनी घोषणा ली वापस

उधर, लड़ाई तेज होते देख यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने सोमवार देर रात अपनी पुरानी घोषणा वापस ले ली, जिसमें कहा गया था कि वह फलस्तीनी अधिकारियों के लिए सहायता को “तुरंत” निलंबित कर रहा है। इसके बजाय, 27 देशों के समूह ने कहा कि वह इज़राइल पर हमास के हमलों के मद्देनजर प्रदान की जाने वाली सहायता की तत्काल समीक्षा करेगा। दो यूरोपीय देशों – जर्मनी और ऑस्ट्रिया – ने कहा कि वे फलस्तीनी क्षेत्रों के लिए मदद रोक रहे हैं। 

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