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अमेठी में 80 लोकसभा सीटें हैं। यह निर्वाचन क्षेत्र साल 1967 में बनाया गया था। इसके सबसे पहले सांसद कांग्रेस के विद्याधर बाजपेयी थे, जो 1967 में चुने गए और 1971 में अगले चुनाव में भी अपनी सीट पर जीत दर्ज की थी। 1977 के आम चुनाव में, जनता पार्टी के रवींद्र प्रताप सिंह इस सीट से जीते और अमेठी के सांसद बने। फिर 1980 में रवींद्र प्रताप सिंह को कांग्रेस के संजय गांधी ने हराया था। बाद में उसी वर्ष, संजय गांधी की एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई और इसके कारण 1981 में इस सीट के लिए उपचुनाव कराना पड़ा जिसपर संजय गांधी के भाई उनके राजीव गांधी ने जीत दर्ज की।
कांग्रेस की परंपरागत सीट है अमेठी
कांग्रेस नेता राजीव गांधी अमेठी सीट से 1991 तक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे, जब लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) द्वारा राजीव गांधी की हत्या कर दी गई तो उसी वर्ष हुए अमेठी सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस के सतीश शर्मा ने जीत हासिल की। साल1996 में सतीश वर्मा फिर से जीते और फिर 1998 के हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संजय सिंह ने शर्मा को हराया। फिर स्वर्गीय राजीव गांधी की पत्नी, सोनिया गांधी ने 1999 से साल 2004 तक इस निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव लगातार जीतती रहीं। उसके बाद सोनिया और राजीव के बेटे, राहुल गांधी, 2004 में अमेठी सीट से जीते लेकिन राहुल गंधी को 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी ने हरा दिया।
2014 लोकसभा चुनाव का परिदृश्य
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी निर्वाचन क्षेत्र में 17,43,515 मतदाता थे। इनमें से 9,24,563 मतदाता पुरुष और 8,18,812 महिला मतदाता थे। 140 मतदाता तृतीय लिंग के थे। निर्वाचन क्षेत्र में 1,472 पोस्टल वोट थे। 2019 में अमेठी में सेवा मतदाताओं की संख्या 2,482 थी (2,390 पुरुष और 92 महिलाएं थीं)।
अमेठी के पिछले विजेता
राहुल गांधी (कांग्रेस): 2009
राहुल गांधी (कांग्रेस): 2004
सोनिया गांधी (कांग्रेस): 1999
संजय सिंह (भाजपा): 1998
सतीश शर्मा (कांग्रेस): 1996
सतीश शर्मा (कांग्रेस): 1991 उपचुनाव
राजीव गांधी (कांग्रेस): 1991
राजीव गांधी (कांग्रेस): 1989
राजीव गांधी (कांग्रेस): 1984
राजीव गांधी (कांग्रेस): 1981 उपचुनाव
संजय गांधी (कांग्रेस): 1980
रवीन्द्र प्रताप सिंह (बीएलडी): 1977
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