महागठबंधन सरकार का एक साल पूरा, बीजेपी ने नाकामियां गिनाई:सम्राट चौधरी ने ठगबंधन करार दिया, सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक लगाए पोस्टर

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पटना33 मिनट पहले

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भारतीय जनता पार्टी बिहार की महागठबंधन सरकार पर हमलावर है। महागठबंधन सरकार का एक साल पूरा होने पर सोशल मीडिया से लेकर पटना की सड़कों पर सरकार का पोल खोल रही है। फेसबुक पर महागठबंधन सरकार का एक साल पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पोस्टर डालते हुए लिखा- घमंडी ठगबंधन के पूरे हुए एक साल। बिहार हुआ बदहाल। पोस्टर में बीजेपी के नेताओं की कोई फोटो नहीं है। ना नाम है। सिर्फ, सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की लाल बैक ग्राउंड में तस्वीर है।

बिहार मे आया गुंडाराज स्लोगन के साथ पिस्टल की तस्वीर है। इसके आगे जहरीली शराब से मौत को दर्शाया गया है। बीजेपी के नेताओं पर लाठी चार्ज और भ्रष्टाचार को दिखाया गया है। सम्राट चौधरी ने फेसबुक पोस्ट भी लिखा है। उन्होंने राष्ट्रकिव की पंक्ति को लिखते हुए सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है। सम्राट चौधरी ने लिखा है-

राष्ट्रकवि दिनकर जी ने लिखा था-‘जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है’.

नीतीश कुमार आज इसी अवस्था से गुजर रहे हैं। विनाश के तरफ खींचते अपने कुंद विवेक के कारण ही उन्होंने आज से ठीक एक वर्ष पहले उन्होंने बिहार की जनता के आदेश को नकारते हुए लालू परिवार की गोद में बैठने का फैसला किया था। तब से लेकर आज तक गंगा में काफी पानी बह चुका है। कभी भाजपा के साथ के कारण सुशासन के प्रतीक बने नीतीश आज राजद की संगत की रंगत में रंग कर कुशासन, अवसरवादिता और पलटी मारने की मिसाल बन चुके हैं।

सम्राट चौधरी ने महागठबंधन पर निशाना साधा।

सम्राट चौधरी ने महागठबंधन पर निशाना साधा।

सम्राट चौधरी ने और क्या लिखा

इस एक साल में लोगों ने देखा है कि कैसे कोई व्यक्ति अति महत्वकांक्षा में पड़ कर अपने साथ-साथ 12 करोड़ बिहार वासियों के भविष्य को खतरे में डाल देता है। जनता ने देखा है कि कैसे कोई व्यक्ति पद के मद में चूर हो कर खुद को तख्त पर पहुंचाने वाली जनता की पीठ में बार-बार छुरा घोंपता है। अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए कैसे एक दूसरे को पानी पी-पी कर कोसने वाले लोग एक हो जाते हैं। लोगों ने यह भी देखा है।

इस एक साल में बढ़े अपराध के कारण हजारों माताओं की गोद सुनी हुई है। कितनी ही बहनों का सुहाग उजड़ा। 10 लाख सरकारी नौकरी मांगने वालों पर लाठियां बरसीं। कटिहार में बिजली की मांग करने वालों को गोलियों से भून दिया गया। बक्सर के चौसा में आधी रात में किसानों के घरों में घुस कर महिलाओं-पुरुषों को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया। भाजपा के शांतिपूर्ण मार्च में कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर मारा गया। जहानाबाद के भाई विजय सिंह शहीद और सैंकड़ों की संख्या में हमारे कार्यकर्ता घायल हुए हैं।

बीजेपी की ओर से जारी पोस्टर।

बीजेपी की ओर से जारी पोस्टर।

बिहार की शासन व्यवस्था पर हमला

सम्राट चौधरी ने लिखा है कि इसी बीच जेहादी तत्व, शराब माफिया, रंगदार और निर्मम हत्यारों को खूब खाद-पानी मिला। बिहार पीएफआई का गढ़ बन गया। कानून बदलकर दो दर्जन से अधिक दुर्दांत अपराधियों को जेल से रिहा किया गया। शराब माफियाओं की ओर से तकरीबन हर दूसरे दिन पुलिस को पीटा और मारा जाने लगा। बालू माफियाओं के आतंक से जनता और अधिकारी थर्रा उठे हैं।

बिहार पुलिस के मुताबिक राजधानी में लगभग हर दिन एक मर्डर होना आम हो गया है। हिंदू समाज की आस्थाओं पर सरकार के बड़े नेताओं के अपमानजनक प्रहार होने लगे हैं। शोभायात्राओं पर पथराव की घटनायें आम हो गयी हैं।

सीएम नीतीश कुमार पर क्या लिखा

कभी-कभी सोचता हूं कि क्या नीतीश जी आइने में अपनी शक्ल देखते होंगे? क्या उनकी आत्मा अकेले में उन्हें कुरेदती होगी? क्या बिहार की जनता से गद्दारी करने के लिए उन्हें पछतावा होता होगा? लेकिन अगले ही पल खींसे निपोरते हुए अपनी गलतियों को जबर्दस्ती सही ठहराते हुए, झूठ और कुतर्कों की चाशनी में लिथराया उनका कोई बयान दिख जाता है। इनकी असलियत समझ में आ जाती है।

क्या बोले नेता प्रतिपक्ष

इधर, एक साल पूरा होने पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि एक साल की उपलब्धि यह रही कि शिक्षकों पर लाठी चलाई गई। अगुआनी पुल हादसे में दोषियों को प्रमोशन दिया गया। स्वास्थ्य विभाग में एम्बुलेंस घोटाला हुआ है। पिछले एक साल में 5 सौ से अधिक लोगो की गोली मारी गई है।

वहीं, बीजेपी के सवाल पर बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि उनको नहीं पता होगा। 2024 में उनकी भी बरसी मनेगी। भाजपा बताए कि 9 साल में उसने कौन सा तीर मारा है। केवल जुमले बाजी महंगाई बेरोजगारी और सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने के अलावा भाजपा ने और किया क्या है ?

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