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Maldives: मालदीव के भारत विरोधी राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू लगातार भारत विरोधी बयान और काम कर रहे है। हालिया चीन की यात्रा के बाद से ही मोइज्जू के सुर भारत को लेकर और तीखे हो गए हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू ने भारत से मार्च के मध्य तक अपनी सेना मालदीव से हटाने का समय दिया है। मालदीव अब तुर्की से घातक ड्रोन की डील कर रहा है। यह घातक ड्रोन यूक्रेन ने जंग में इस्तेमाल किए हैं। पाकिस्तान भी इन ड्रोन का इस्तेमाल करता है। कहने को तो समुद्री निगरानी के नाम पर वह ड्रोन खरीद रहा है, पर परोक्ष रूप से ड्रोन की यह डील कहीं न कहीं भारत विरोधी ही है।
जानिए कितनी बड़ी राशि की हुई है डील?
मालदीव भारत का विरोध करने वाले देशों के साथ संपर्क बढ़ा रहा है। राष्ट्रपति मोइज्जू पहली बार तुर्की की यात्रा पर ही गए थे। अब मालदीव तुर्की से घातक ड्रोन की बड़ी डील कर रहा है। चीन के साथ कई समझौते करने के बाद मोइज्जू सरकार अब तुर्की के साथ यह घातक ड्रोन समझौता कर रही है। मालदीव ने तुर्की की कंपनी बायकर के साथ 3 करोड़ 70 लाख डॉलर के एक समझौते पर साइन किए हैं। बायकर तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान के दामाद की कंपनी है।
जानिए कितने घातक हैं ये किलर ड्रोन?
तुर्की के ये ड्रोन आर्मीनिया से लेकर यूक्रेन की जंग में तबाही मचा चुके हैं। भारत का पड़ोसी दुश्मन देश पाकिस्तान भी इन ड्रोन का इस्तेमाल करता है। मालदीव की मोइज्जू सरकार का कहना है कि वह अपने विशाल समुद्री इलाके की निगरानी के लिए इन मिलिट्री ड्रोन की खरीद कर रही है। मालदीव की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुइज्जू सरकार ने इस ड्रोन डील के लिए पैसा भी जारी कर दिया है।
कभी भारत ने दिए थे डोर्नियर विमान और हेलिकॉप्टर
इससे पहले भारत ने मालदीव को अपने समुद्री तटों की निगरानी के लिए डोर्नियर विमान और हेलिकॉप्टर दिया था। भारतीय सैन्य तकनीकी दल इस विमान की रिपेयरिंग करता था। इन भारतीय सैनिकों को मालदीव के राष्ट्रपति ने 15 मार्च तक चले जाने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि इसी कमी को पूरा करने के लिए मोइज्जू ने तुर्की के साथ हाथ मिलाया है और सैन्य ड्रोन खरीद रहा है।
क्या बोले मोइज्जू?
मुइज्जू ने कहा, ‘हमने अपनी शक्ति और क्षमता को बढ़ाना शुरू कर दिया है ताकि पूरे 9 लाख किलोमीटर के विशेष आर्थिक क्षेत्र में अपनी निगरानी को बढ़ाया जा सके। मैं आशा करता हूं कि जल्द ही अपनी क्षमता को विकसित कर लेंगे ताकि इस पूरे इलाके का प्रबंधन किया जा सके।’ यही नहीं मोइज्जू सरकार ने तुर्की से सैन्य ड्रोन के लिए रास्ता साफ करते हुए आयात ड्यूटी को भी हटा दिया है। मालदीव की सेना ने अभी डील पर कोई बयान नहीं दिया है। अभी तक भारत और मालदीव की नौसेना मिलकर इस पूरे इलाके की निगरानी करते थे।
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