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लाहौरः पाकिस्तानी सेना द्वारा सरकार बनाने में हस्तक्षेप की बात सत्य है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी के सूत्रों ने ही यह दावा किया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने मुस्लिम लीग-नवाज के प्रमुख नवाज शरीफ को यह ऑफर दिया था कि या तो वह पीएम बन जाएं या फिर अपनी बेटी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनवा लें। पाकिस्तानी सेना ने कहा था कि इन दोनों में से एक ही विकल्प नवाज को चुनना होगा। लिहाजा वह पीएम बनने से पीछे हट गए। बता दें कि पाकिस्तानी सेना के इस ऑफर के बाद रिकॉर्ड चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को नवाज त्याग दिया है।
इसके बाद उन्होंने अपने छोटे भाई शहबाज शरीफ को इस पद के निए नामित किया है। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने यह फैसला शक्तिशाली सेना द्वारा उन्हें दो विकल्प दिए जाने के बाद लिया। सेना ने उन्हें प्रधानमंत्री बनने या अपनी बेटी मरियम नवाज को पंजाब सूबे की मुख्यमंत्री बनाने में से किसी एक विकल्प को चुनने के लिए कहा था। पीएमएल-एन प्रमुख द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिए शहबाज शरीफ को नामांकित करने से पार्टी में बहस शुरू हो गई थी कि तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज को पूर्व में इस पद का दावेदार घोषित किए जाने के बावजूद क्यों ‘दरकिनार’किया गया।
बेटी को उत्तराधिकारी बनाने के लिए नवाज ने छोड़ी पीएम की लालसा
पार्टी सूत्र ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’को बताया कि नवाज शरीफ ने अपनी बेटी और राजनीतिक उत्तराधिकारी 50 वर्षीय मरियम नवाज के लिए प्रधानमंत्री पद की दौड़ से खुद को बाहर करने का फैसला किया है। सूत्र ने बताया, ‘‘नवाज शरीफ चौथी बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री बन सकते थे लेकिन तब उनकी बेटी के पास पंजाब की मुख्यमंत्री बनने का कोई मौका नहीं होता। बेटी के लिए नवाज ने चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की इच्छा त्याग दी।’’ सूत्रों ने बताया कि आठ फरवरी के आम चुनाव में उनकी पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद नवाज शरीफ को सेना ने दो विकल्प दिए थे। सूत्र ने कहा कि चूंकि 72 वर्षीय शहबाज शरीफ सेना के पसंदीदा थे इसलिए नवाज शरीफ को अंतत: बहाने से किनारा किया गया। (भाषा)
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