देश की बड़ी परीक्षा के पेपर का सॉल्वर गैंग क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा, 5 आरोपी गिरफ्तार

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नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक सॉल्वर गैंग को पकड़ा है जो National Technical Research Organization (NTRO) की परीक्षा का पेपर लीक करवा रहा था. क्राइम ब्रांच ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो पेपर लीक मामले में आरोपी हैं. ये गैंग व्हाट्सएप के जरिए दूसरे लोगों से संपर्क में था जो इस पेपर को दे रहे थे. इनके पास से 8 मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं जिनके जरिए परीक्षा के पेपर और उनके जवाब भेजे जाते थे.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक 4 मार्च 2023 को उन्हें जानकारी मिली कि द्वारका सेक्टर 23 के पैरामाउंट स्कूल में नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन की कुछ पोस्ट का एग्जाम होना था और इस गैंग का मास्टरमाइंड अरुंजय परीक्षा का पेपर लीक कर रहा है. जिसे वो दिल्ली एनसीआर के उम्मीदवारों को एक पेपर में वो 30 लाख रुपए जबकि असिस्टेंट के पेपर में 15 लाख रुपए लेकर सॉल्वर देगा.

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इसके बाद क्राइम ब्रांच ने द्वारका सेक्टर 23 के पैरामाउंट इंटरनेशनल स्कूल में छापा मारा उत्तम नगर के रहने वाले अरुंजय को पकड़ा गया. उसकी तलाशी लेने पर उसके मोबाइल फोन में प्रश्नपत्र का सी-सेट मिला और उन्हें अपने मोबाइल फोन पर इसकी आंसर शीट भी मिली थी. उसके व्हाट्सएप अकाउंट पर अलग अलग उम्मीदवारों के एडमिट कार्ड भी पाए गए, जिन पर उम्मीदवारों को आंसर शीट उपलब्ध कराने के लिए पैसे ट्रांसफर के एसएमएस थे.

उसके बाद एक उम्मीदवार को हिरासत में लिया गया और पूछताछ करने पर उसने खुलासा किया कि अरुंजय ने उसे परीक्षा की आंसर शीट देने का वादा किया था. जिसके बाद शक्ति नगर स्थित अन्य परीक्षा केंद्र से दो अन्य ऐसे अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया जिन्हें कथित अरुंजय ने आंसर शीट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था.

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शातिर तरीके से काम करता था गैंग
शाम की पाली में दो और अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया जिनके प्रवेश पत्र अरुंजय के मोबाइल फोन में मौजूद थे. स्कूल से पूछताछ करने पर पता चला कि अरुंजय स्कूल में सहायक परीक्षा अधीक्षक के पद पर कार्यरत है और परीक्षा के दौरान सभी कक्षाओं में उसकी पहुंच है. पर्याप्त सबूत होने के बाद कि वह एनटीआरओ तकनीकी अधिकारियों की रिक्तियों के पेपर लीक में शामिल है, एक मामला दर्ज किया गया था और जांच के दौरान अरुण, दीपक राघव, सुभाष चंद और गोविंद नाम के 4 अन्य व्यक्तियों को भी अलग अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया था. अरुण, दीपक राघव, सुभाष चंद ने आंसर शीट के लिए पैसे देने के लिए उम्मीदवारों को लुभाया था. आंसर शीट देने वाला फरार है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं.

आरोपियों से सघन पूछताछ की गई और खुलासा हुआ कि ये गैंग शातिर तरीके से काम करता था. उन्होंने प्रिंटिंग प्रेस के मालिकों/प्रबंधकों/अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर परीक्षा के पेपर लेने पर पैसा खर्च करके पेपर लीक के पारंपरिक तरीकों का उपयोग नहीं किया, बल्कि सरल मैसेजिंग मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके किया.

पहले इस तरह के अपराध आमतौर पर प्रिंटिंग प्रेस में मिलीभगत से या कागजात के परिवहन के दौरान या परीक्षा केंद्रों पर अधिकारियों को रिश्वत देकर किए जाते थे. ये गैंग दूर दराज के उन एग्जाम सेंटर चुनता था जहां पेपर डेढ़ घंटे पहले पहुंच जाता था ताकि उस बीच में ये पेपर सेटिंग करके उत्तर मेसेज के मार्फत सेट कर देते थे. ये सेंटर के अधिकारियों को लालच देकर फंसा लेते थे. अधिकांश ग्राहकों में कोचिंग संस्थानों के छात्र शामिल थे, जो हल की गई आंसर की प्राप्त करने के लिए अत्यधिक मात्रा में पैसे खर्च करते थे.

Tags: Crime News, Paper Leak

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