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चीन ताइवान को लेकर एक बार फिर बौखला गया है। इस बौखलाहट में उसने शनिवार को ताइवान के आसपास हवाई और समुद्री गश्त के साथ ही सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार बीजिंग ने इस सैन्य अभ्यास को उन लोगों के लिए कड़ी चेतावनी करा दिया जो ताइवान की स्वतंत्रता के लिए विदेशी तत्वों के साथ मिलीभगत कर रहे है। दरअसल, चीन की यह बौखलाहट ताइवान के राष्ट्रपति का अमेरिका दौरा है। ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई 18 अगस्त को अमेरिका के दौरे से लौटे हैं। चीन ने शनिवार तड़के ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास शुरू किया और कहा कि यह एक “कड़ी चेतावनी” है।
चीनी युद्धपोत ने किए कई राउंड फायर
एक चीनी युद्धपोत ने “यूनाइटेड शार्प स्वोर्ड” नाम के तीन दिवसीय सैन्य अभ्यास के हिस्से के रूप में लाइव-फायर का अभ्यास किया और लुओयान खाड़ी में तोपों से कई राउंड फायर किए। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जलीय क्षेत्र के आसपास कम से कम 71 चीनी विमानों और नौ जहाजों का पता चला है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पता लगाए गए विमानों में से 45 ने ताइवान जलडमरूमध्य के उत्तरी, मध्य और दक्षिणी मध्य रेखा को पार किया था और हमारे दक्षिण-पश्चिम ADIZ (वायु रक्षा पहचान क्षेत्र) में प्रवेश किया था।’ रक्षा मंत्री ने इन कार्रवाइयों की निंदा की।
वेन और मैक्कार्थी की मीटंग को नकारता रहा चीन
चीन ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की यूएस हाउस के स्पीकर केविन मैक्कार्थी के साथ बैठक को पूरी तरह से अस्वीकार करता रहा है और इसे एक राजनीतिक शो बताया है। यह बैठक तब हुई जब त्साई मध्य अमेरिका की यात्रा पूरी करने के बाद घर जाते समय कैलिफ़ोर्निया में रुकीं थीं।2016 में ताइवान राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद से उन्होंने सात बार संयुक्त राज्य अमेरिका से होकर यात्रा की है, और अक्सर कांग्रेस के सदस्यों सहित अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की है। हालाँकि, अमेरिकी धरती पर किसी हाउस स्पीकर और ताइवानी राष्ट्रपति के बीच यह पहली बैठक थी।
पीएलए ने सैन्य अभ्यास को बताया कड़ी चेतावनी
वहीं, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के पूर्वी थिएटर कमांड ने कहा कि यह सैन्य अभ्यास ताइवान के समुद्री क्षेत्रों और हवाई क्षेत्र के आसपास, द्वीप के उत्तरी और दक्षिणी तटों और द्वीप के पूर्व में होगा। पीएलए के प्रवक्ता शी यिन ने कहा, “ये ऑपरेशन ‘ताइवान की आजादी’ चाहने वाले अलगाववादी ताकतों और बाहरी ताकतों के बीच मिलीभगत और उनकी उत्तेजक गतिविधियों के खिलाफ एक कड़ी चेतावनी है।
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