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रुझान में ‘आप’ आगे
जालंधर लोकसभा उपचुनाव के पहले रुझान में आप पार्टी आगे चल रही है. आप के सुशील कुमार रिंकू 2680 वोटों से आगे चल रहे हैं. कांग्रेस दूसरे नंबर पर है, जबकि अकाली दल तीसरे नंबर पर है.
जालंधर से कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी का इस साल जनवरी में ‘‘भारत जोड़ो यात्रा” के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था, जिससे यह सीट रिक्त हुई थी. सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी, मुख्य विपक्षी कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के बीच इस सीट पर मुकाबला चतुष्कोणीय है. दलित बहुल सीट पर चारों राजनीतिक दल एक दूसरे के साथ हाथ आजमाने के लिये मैदान में हैं. चुनाव मैदान में कुल 19 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं जिनमें चार महिलाएं हैं.
इस सीट पर कांग्रेस ने दिवंगत संतोख सिंह चौधरी की पत्नी करमजीत कौर को टिकट दिया है जबकि ‘आप’ ने कांग्रेस छोड़कर आए पूर्व विधायक सुशील रिंकू को मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा ने शिरोमणि अकाली दल छोड़कर आए दलित सिख इंदर इकबाल सिंह अटवाल को टिकट दिया है.
अटवाल पंजाब विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष चरनजीत सिंह अटवाल के पुत्र हैं. चरनजीत सिंह अटवाल भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं.
अकाली दल ने अपने दो बार के विधायक सुखविंदर कुमार सुक्खी को प्रत्याशी बनाया है. उसके प्रत्याशी को बहुजन समाज पार्टी का समर्थन था.
पंजाब में जालंधर लोकसभा सीट के लिए बुधवार को हुए उपचुनाव के दौरान 54.70 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. निर्वाचन कार्यालय की ओर से बृहस्पतिवार को जारी अंतिम आंकड़ों में यह जानकारी दी गई थी.
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में 63.04 प्रतिशत मतदान हुआ था. इसके सापेक्ष्य उपचुनाव में मतदान प्रतिशत कम रहा .
आंकड़ों के मुताबिक, संसदीय क्षेत्र के 16,21,800 मतदाताओं में से सिर्फ 8,87,154 लोगों ने मतदान किया.
जालंधर लोकसभा सीट के अंतर्गत नौ विधानसभा क्षेत्र हैं. इसमें से शाहकोट में सबसे ज्यादा 58.23 फीसदी मतदान हुआ था. इसके बाद करतारपुर में 57.97 प्रतिशत, जालंधर पश्चिम में 56.49 फीसदी, नकोदर में 55.89 प्रतिशत, फिल्लौर में 55.81 फीसदी, जालंधर उत्तर में 54.43 प्रतिशत, आदमपुर में 54.02 फीसदी, जालंधर कैंट में 50.19 प्रतिशत और जालंधर सेंट्रल में 48.94 फीसदी वोट पड़े थे.
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