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Japan News: जापान देश कहने को तो विकसित देश है, लेकिन इस देश में परिवार का कल्चर ही खत्म हो गया है। अकेले रहने का ट्रैंड बढ़ गया है। इस बारे में एक रिपोर्ट चौंकाने वाली है। रिपोर्ट के अनुसार जापान में करीब 17 साल बाद 40 फीसदी लोग अकेले ही जीवन गुजारेंगे। ऐसे में जापान में एक नया ही ट्रैंड चल गया है। कई कंपनियां अब किराए पर परिवार उपलब्ध करा रही है। यहां तक की आपके लिए गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड भी रेंट पर मिल जाएंगे। कैटलॉग देखकर आप अपने अनुसार मेंबर्स का चयन कर सकते हैं। यहां तक कि कई कंपनियां भाई बहन भी किराए पर उपलब्ध कराती है। जापान में यह रेंटल फैमिली बिजनेस जोरों से चल रहा है। लगभग डेढ़ मिलियन लोग घरों में लगभग बंद होकर रह रहे हैं. वे ऑफिस तो जाते हैं, लेकिन इसके बाद कोई सोशल एक्टिविटी नहीं होती।
जापान में जोरों से चल रहा रेंटल-फैमिली बिजनेस का कॉन्सेप्ट
जापान में अकेले रहने का कल्चर इतना बढ़ गया है कि 2040 तक 40 फीसदी लोग घरों में सिंगल होंगे। ये लोग शादी की एवरेज उम्र भी पार कर चुके होंगे। ऐसे ही अकेले लोगों को टारगेट करते हुए जापान में रेंटल-फैमिली बिजनेस जोरों से चल पड़ा है। यहां किराए पर परिवार के मेंबर्स आसानी से मिल जाएंगे।
किराए की बहन सबसे महंगी, देने होंगे 1 हजार डॉलर
- जापानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार किराए पर बहन या भाई लेना थोड़ा महंगा पड़ेगा। इसके लिए 100,000 येन ‘जापानी मुद्रा’ यानी 1000 डॉलर देने होंगे।
- फैमिली में प्रत्येक मेंबर की कीमत 20,000 येन यानी 200 डॉलर होती है। यानी आप कुछ घंटों के लिए 200 डॉलर की रकम देकर किराए पर मां, पिता या फिर पति या पत्नी किराए पर ले सकते हैं।
क्यों रह जाते हैं जापानी अकेले
जापान में वर्कहॉलिक कल्चर है। यहां युवाओं से लेकर बुजुर्ग लोगों तक लोग धड़ल्ले से खूब काम किए जा रहे हैं। वे इस कारण परिवार को वक्त ही नहीं दे पाते। न ही उन्हें परिवार बनाने की फुरसत है। यही कारण है कि यहां फैमिली कॉन्सेप्ट खत्म हो रहा है। लेकिन इस वजह से अकेलापन काटने को दौड़ता है। इसका अच्छा विकल्प कंपनियों ने ढूंढ निकाला है और किराए पर परिवार, पार्टनर और भाई बहन उपलब्ध करा दिए जाते हैं।
कैटेलॉग देखकर चुन सकते हैं मेंबर्स
अकेला रहता शख्स हर घंटे के हिसाब से परिवार का सदस्य किराए पर ला सकता है। इसके लिए बाकायदा कैटलॉग दिया जाता है। इसमें व्यक्ति यह छांट सकता है कि आने वाला मेंबर किस रंग, तौर तरीके वाला हो। कैसे कपड़े पहनता हो। ऐसा इसलिए कि फैमिली मेंबर परिवर की ही तरह दिखाई दे, बाहरी व्यक्ति की तरह नहीं। यह कॉन्सेप्ट अभी तो जापान में तेजी से चल रहा है, लेकिन आ तो बहुत पहले गया था। यह कॉन्सेप्ट 1987 में टोक्यो में जापानीज एफिशिएंसी कॉर्पोरेशन ने शुरू किया था। तब इस शहर में बाहर से आए लोग रहते थे, जो परिवार से दूर थे। उन्हें फैमिली वाली फीलिंग देने के लिए खुद कॉर्पोरेट्स ने ये इरादा किया और इस तरह से कंपनी खड़ी हो गई।
कितना होता है फैमिली मेंबर्स का किराया
अलग-अलग कंपनियां इसके लिए अलग चार्ज करती हैं, लेकिन आमतौर पर ये 20 हजार येन प्रति मेंबर होता है। यानी लगभग 2 सौ डॉलर में एक से कुछ घंटों के मां, पिता, भाई, बहन या पति-पत्नी किराए पर मिल जाएंगे। कई बार लोग भाड़े के परिवार को छुट्टी पर भी साथ ले जाते हैं। ये आमतौर पर खूब कमाने वाले सिंगल लोग होते हैं, जो समझना चाहते हैं कि शादी करना उन्हें रास आएगा या नहीं। पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका वाले रिश्तों में कंपनियां काफी अलर्ट रहती हैं।
पहले ई-मेल पर कराई जाती है बात, फिर फोन पर
क्लाइंट से उसकी पसंद-नापसंद पता की जाती है। उसे एक्टर्स का कैटेलॉग भेजा जाता है जिससे वो अपना मनपसंद साथी चुन सके। नाम फाइनल होने के बाद ईमेल या फोन पर दोनों बात कराई जाती है, फिर एक्टर को क्लाइंट से मिलवा दिया जाता है। कई कंपनियां रेंट पर बहनें या भाई ही प्रोवाइड करती हैं।
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