चुनावी समर में बीएसपी ने बदला नारा, पार्टी फिर से करेगी एससी एसटी की राजनीति?

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MP News Today: मध्य प्रदेश की राजनीति में तीसरे मोर्चे के रूप में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने वाली बहुजन समाज पार्टी अपने नए ध्येय वाक्य के साथ चुनाव लड़ेगी. 17 साल बाद बीएसपी ने अपनी टैग लाइन बदली है. बीएसपी वापस अपने पुराने ध्येय वाक्य पर लौट आई है.

वर्ष 1984 में स्थापित हुई बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम ने पार्टी का ध्येय वाक्य दिया था- “बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय.” पार्टी सुप्रीमो बनने के बाद वर्ष 2007 में मायावती ने टैग लाइन में बदलाव किया था. उन्होंने सभी को साथ लेकर चलने की मंशा से बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय को बदलकर सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय कर दिया था.

बहुजन समाज पार्टी को उम्मीद थी कि इस ध्येय वाक्य से सभी का साथ मिलेगा. इसी ध्येय वाक्य या टैग लाइन के आधार मध्य प्रदेश में भी बीएसपी राजनीति करती आई थी.

राजनीति में बीएसपी का गिरता ग्राफ
बीएसपी सुप्रीमो मायावती की इस मंशा पर उत्तर प्रदेश की राजनीति में वर्ष 2007 के चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ बीएसपी की सरकार बनी. हालांकि बाद में धीरे-धीरे बीएसपी का ग्राफ गिरता गया. 

इस ध्येय वाक्य के चलते बहुजन को पार्टी में तवज्जों नहीं मिली और सर्वजन ने पार्टी का साथ छोड़ दिया. इस तरह बीएसपी का ग्राफ लगातार नीचे गिरता चला गया. बीएसपी ने फिर से अपनी सियासी धार तेज करने के लिए पार्टी की टैग लाइन या ध्येय वाक्य में बदलाव किया है.

दो दिन पहले बदला टैग लाइन
बीएसपी ने दो दिन पहले ही अपना यह ध्येय वाक्य या टैग लाइन बदला है. पार्टी अब वापस पुराने ध्येय वाक्य “बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय” पर लौट आई है. इस ध्येय वाक्य के बदलने के पीछे मंशा साफ नजर आ रही है कि पार्टी अब वापस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की ही राजनीति करेगी.

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