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एक अजीब उलटफेर में चंडीगढ़ नगर निगम की दो आम आदमी पार्टी (AAP) की पार्षद एक महीने से कम समय में बीजेपी में शामिल होने के बाद उसे छोड़कर वापस ‘आप’ में आ गईं. पूनम देवी और नेहा मुसावत पिछले महीने बीजेपी में शामिल हुए ‘आप’ के तीन पार्षदों में शामिल थीं. उन्होंने अब ‘आप’ में लौटने को अपनी “घर वापसी” कहा है.
यह पार्षद 18 फरवरी को बीजेपी में शामिल हो गए थे. इससे एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बैलेट पेपर को विकृत करने और “प्रक्रिया में हस्तक्षेप” करने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को फटकार लगाई थी. मेयर चुनाव में जीत के लिए संख्या पर्याप्त न होने के बावजूद बीजेपी उम्मीदवार ने अप्रत्याशित जीत हासिल की थी.
इसके दो दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया और मसीह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने का आदेश दिया.
हालांकि, पिछले सप्ताह वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर पदों के लिए फिर से चुनाव हुए और बीजेपी ने दोनों पदों पर जीत हासिल कर ली. पूनम देवी और नेहा मुसावत के वोटों ने बीजेपी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई क्योंकि तीन ‘आप’ पार्षदों के पार्टी में आने के बाद 35 सदस्यीय नगर निगम में इसकी ताकत 14 से बढ़कर 17 हो गई. गठबंधन में चुनाव लड़ने वालीं कांग्रेस और आप के पास भी 17 सीटें थीं.
बीजेपी के कुलजीत सिंह संधू 19 वोट पाकर वरिष्ठ उपमहापौर चुने गए, जबकि कांग्रेस के गुरप्रीत गबिम को 16 वोट मिले. एक वोट अवैध घोषित कर दिया गया. चंडीगढ़ की बीजेपी नेता और सांसद किरण खेर के पास निगम में मतदान का अधिकार है और एक पार्षद शिरोमणि अकाली दल से है.
बीजेपी में शामिल होने के बाद पूनम देवी ने पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी और कहा था कि आम आदमी पार्टी “झूठों की पार्टी” है.
पूनम देवी ने कहा था कि, “पीएम मोदी गरीबों और दलितों की मदद करते हैं और मैं उनसे प्रेरित हुई हूं. आम आदमी पार्टी ने मुझे मेयर पद का उम्मीदवार बनाने का वादा किया था. मेरे पति, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, को जेल भेज दिया गया है. ‘आप’ झूठों की पार्टी है.”
पूनम देवी और नेहा मुसावत शनिवार को आम आदमी पार्टी में फिर से शामिल हो गईं. इसके बाद पूनम देवी और नेहा मुसावत ने कहा कि गलतफहमियां होती हैं और वे “घर वापसी” करके खुश हैं. ‘आप’ के तीसरे पार्षद गुरुचरण काला, जिन्होंने दोनों महिलाओं के साथ पार्टी छोड़ी थी, अब भी बीजेपी के साथ हैं.
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