एमपी में 'यादव सीएम' से भाजपा को यूपी-बिहार में मिलेगी बढ़त! जानें क्या कहते हैं आंकड़े

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यादव वोट बैंक को साधने की जुगत में जुटी बीजेपी।- India TV Hindi

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यादव वोट बैंक को साधने की जुगत में जुटी बीजेपी।

नई दिल्ली: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों ने विपक्ष को सकते में ला दिया। इससे भी ज्यादा चर्चा का विषय तब खड़ा हुआ जब भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश में सीएम के नाम का ऐलान किया। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश में एक यादव को सीएम बना दिया, जिसका असर यूपी और बिहार के सियासी गलियारों में भी देखा जा रहा है। बात अगर बिहार की करें तो यहां लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को प्रमुख यादव नेता माना जाता है। वहीं यूपी में मुलायम सिंह यादव के बाद अब अखिलेश यादव प्रमुख यादव नेता हैं। ऐसे में एमपी में भाजपा द्वारा यादव सीएम बनाए जाने के बाद अब यूपी-बिहार में भी भाजपा द्वारा यादव वोट बैंक में सेंध लगाने की बात कही जा रही है। 

बिहार में है चुनौती

एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी और राजद पर परिवार भाजपा परिवार वाद का आरोप लगाती है तो वहीं अब एमपी में मोहन यादव को सीएम बनाकर भाजपा ने यह संदेश दे दिया है कि अब वह यूपी और बिहार के यादव वोट बैंक में भी सेंध लगाने की तैयारी में है। भाजपा यह मानती है कि राजद और जदयू के एक साथ होने के बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी चुनौती बिहार में मिल सकती है, इसलिए भाजपा हर वह दांव चल रही है जिससे विरोधियों को बैकफुट पर रखा जा सके।

परिवार को आगे बढ़ा रहे लालू प्रसाद

एमपी में मोहन यादव को सीएम बनाए जाने पर भाजपा के प्रवक्ता राकेश कुमार सिंह ने कहा है कि भाजपा जाति की नहीं जमात की राजनीति करती है। भाजपा पहले से ही कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने का काम करती है और छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश का निर्णय भी इसी से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि राजद बनने के बाद से लालू प्रसाद यादव ही राजद के अध्यक्ष रहे। जब मौका मिला तो पत्नी को सीएम बना दिया और फिर बेटी और बेटा को आगे बढ़ाने का काम किया। क्या बिहार में कोई अन्य यादव नहीं हैं। जाति किसी की जागीर नहीं है।

क्या कहते हैं जातीय आंकड़े

यहां आपको यह भी बता दें कि हाल ही में बिहार में हुई जातीय जनगणना के आंकड़ों ने यह साफ कर दिया है कि राज्य में यादवों की आबाद सबसे ज्यादा है। यहां कुल आबादी में से 14.26 प्रतिशत आबादी यादवों की है। राजद ने मुस्लिम-यादव वोट बैंक के दम पर ही बिहार में 15 सालों तक सरकार चलाया था। ऐसे में एमपी में यादव सीएम बनाने के बाद यह माना जा रहा है कि इसका सीधा असर बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों पर पड़ेगा।  

(इनपुट: आईएएनएस)

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