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यूक्रेन युद्ध के दौरान फरवरी 2022 में यूक्रेन छोड़कर अपने देश लौटे भारतीय छात्रों के लिए सबसे बड़ी खबर है। यूक्रेन ने सभी भारतीय छात्रों को अपने देश से ही परीक्षा दे सकने की अनुमति दे दी है। यानी सभी छात्र भारत में रहकर ही परीक्षा दे सकेंगे और डिग्री हासिल कर सकेंगे। अभी तक हजारों भारतीय छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ था और उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था, लेकिन यूक्रेन के इस फैसले से छात्रों का भविष्य अंधकार में होने से बचाया जा सकेगा। भारत सरकार यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों के भविष्य के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की से और उनके प्रशासन के साथ संपर्क स्थापित किए हुए थी।
रूसी हमले के बाद यूक्रेन से स्वदेश लौटे भारतीय मेडिकल छात्रों को भारत से एक महत्वपूर्ण परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी। यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा द्वारा अपनी तीन दिवसीय नई दिल्ली यात्रा के दौरान भारतीय पक्ष को यह जानकारी दी गई। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बुधवार को कहा, ‘‘भारतीय मेडिकल छात्रों के मुद्दे पर, उप विदेश मंत्री ने उल्लेख किया कि यूक्रेन विदेशी मेडिकल छात्रों को अपने देश में ‘यूनीफाइड स्टेट क्वालिफिकेशन एक्जाम’ देने की अनुमति देगा।’’ झापरोवा के भारत दौरे की समाप्ति पर विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया।
यूक्रेन में पढ़ रहे थे 19,000 भारतीय छात्र
पिछले साल फरवरी में जब रूसी हमला शुरू हुआ था तब लगभग 19,000 भारतीय छात्र यूक्रेन में पढ़ रहे थे। अनुमान के मुताबिक, लगभग दो हजार भारतीय छात्र यूक्रेन वापस चले गए हैं और वे ज्यादातर पूर्वी यूरोपीय देश के पश्चिमी हिस्से में रह रहे हैं। यात्रा के दौरान, झापरोवा ने विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘झापरोवा ने अपनी यात्रा के दौरान भारत के साथ मजबूत और घनिष्ठ संबंध बनाने संबंधी यूक्रेन की इच्छा पर प्रकाश डाला।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘झापरोवा की भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
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